Aruna asaf ali एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता थीं, जिन्हें अक्सर 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है। उनका जन्म 16 जुलाई, 1909 को कालका, पंजाब, ब्रिटिश भारत (अब हरियाणा, भारत में) में हुआ था और उनका निधन हो गया। 29 जुलाई, 1996. आसफ अली ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने पूरे जीवन में विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में गहराई से शामिल रहे।
जन्म |
16 जुलाई 1909 |
जन्म स्थान |
कालका, पंजाब, भारत |
निधन |
29 जुलाई 1996(उम्र 87) |
मृत्यु स्थान |
नई दिल्ली, भारत |
राष्ट्रीयता |
ब्रिटिश भारत (1909-1947)भारत (1947-1996) |
राजनीतिक दल |
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी |
अन्य राजनीतिक संबद्धताएँ |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पिता |
उपेन्द्रनाथ गांगुली |
अध्ययन |
सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट |
पेशा |
राजनीतिक कार्यकर्ताशिक्षकप्रकाशक |
पुरस्कार |
अंतर्राष्ट्रीय लेनिन शांति पुरस्कार (1964)जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार (1991)पद्म विभूषण (1992)भारत रत्न (1997) |
उनके सबसे प्रतिष्ठित कार्यों में से एक 9 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मुंबई (तब बॉम्बे) में महात्मा गांधी सहित प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का झंडा फहराना था। इस प्रतीकात्मक कार्य ने आंदोलन को और अधिक प्रेरित किया और अनगिनत भारतीयों को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता के संघर्ष में शामिल होने के लिए प्रेरित किया।
1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद, Aruna asaf ali सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सक्रिय रहीं। उन्होंने 1952 से 1954 तक राज्य सभा (भारतीय संसद के ऊपरी सदन) के सदस्य सहित विभिन्न पदों पर कार्य किया। वह महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों से भी जुड़ी थीं।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में Aruna asaf ali के योगदान और सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी अथक प्रतिबद्धता ने उन्हें व्यापक सम्मान और प्रशंसा दिलाई। वह भारतीय इतिहास में एक प्रेरणादायक शख्सियत बनी हुई हैं, जिन्हें उनके साहस, समर्पण और स्वतंत्रता और सामाजिक न्याय के आदर्शों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए याद किया जाता है।
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