kapil dev एक महान पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्हें खेल के इतिहास में सबसे महान ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है। उनका जन्म 6 जनवरी, 1959 को चंडीगढ़, भारत में हुआ था।
यहाँ उनके बारे में कुछ मुख्य बातें दी गई हैं:
क्रिकेट करियर: kapil dev ने 1978 में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पदार्पण किया और 1994 में अपनी सेवानिवृत्ति तक एक दशक से अधिक समय तक भारत का प्रतिनिधित्व किया।
ऑलराउंडर: वे एक तेज़ गेंदबाज़ और एक आक्रामक बल्लेबाज़ दोनों के रूप में अपने असाधारण कौशल के लिए जाने जाते थे। उन्होंने भारत के लिए 131 टेस्ट मैच और 225 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) खेले।
1983 विश्व कप: उनकी सबसे यादगार उपलब्धियों में से एक 1983 में भारत को अपनी पहली क्रिकेट विश्व कप जीत दिलाना था। उसी टूर्नामेंट में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ़ उनकी 175 रनों की शानदार पारी को ODI इतिहास की सबसे महान पारियों में से एक माना जाता है।
गेंदबाजी कौशल: एक तेज़ गेंदबाज़ के रूप में, कपिल देव गेंद को स्विंग करने और गति उत्पन्न करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने टेस्ट मैचों में 434 विकेट और वनडे में 253 विकेट लिए।
कप्तानी: उन्होंने 1982 से 1987 तक भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की और मैदान पर अपने आक्रामक और प्रेरक नेतृत्व के लिए जाने जाते थे।
सेवानिवृत्ति के बाद: क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, कपिल देव कोचिंग और कमेंट्री सहित विभिन्न भूमिकाओं में शामिल रहे हैं। वे क्रिकेट की दुनिया में एक सम्मानित व्यक्ति बने हुए हैं।
पुरस्कार और मान्यता: उन्होंने अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए, जिसमें 1991 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण भी शामिल है।
kapil dev के भारतीय क्रिकेट में योगदान और वैश्विक स्तर पर खेल पर उनके प्रभाव ने उन्हें क्रिकेट इतिहास के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक के रूप में स्थापित किया है।
More Read : << ms dhoni >>
kapil dev के करियर और उपलब्धियों के बारे में कुछ और जानकारी इस प्रकार है:
शुरुआती करियर: kapil dev ने छोटी उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था और जल्दी ही वे शीर्ष पर पहुंच गए। उन्होंने 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ़ 20 साल की उम्र में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और टीम का अभिन्न अंग बन गए।
बल्लेबाजी की क्षमता: अपनी गेंदबाजी के अलावा, kapil dev एक बेहतरीन बल्लेबाज़ थे जो अपने आक्रामक स्ट्रोक प्ले के लिए जाने जाते थे। उन्होंने टेस्ट मैचों में 31.05 की औसत से 5,248 रन बनाए, जिसमें 8 शतक और 27 अर्द्धशतक शामिल हैं। वनडे में, उन्होंने 23.79 की औसत से 3,783 रन बनाए, जिसमें एक शतक और 14 अर्द्धशतक शामिल हैं।
रिकॉर्ड तोड़ने वाली पारी: 1983 के विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ़ kapil dev की 175 रनों की प्रसिद्ध पारी को अक्सर सबसे बेहतरीन वनडे पारियों में से एक माना जाता है। वे उस समय क्रीज पर आए जब भारत 17 रन पर 5 विकेट खोकर संघर्ष कर रहा था और अकेले ही मैच का रुख पलट दिया, जिससे भारत को यादगार जीत मिली।
तेज गेंदबाजी कौशल: एक तेज गेंदबाज के रूप में, kapil dev गेंद को दोनों तरफ स्विंग करने और गति उत्पन्न करने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते थे। टेस्ट मैचों में उनका गेंदबाजी औसत 29.64 और वनडे में 27.45 रहा, जो गेंद के साथ उनकी प्रभावशीलता को दर्शाता है।
प्रतिष्ठित क्षण: 1983 के विश्व कप की जीत के अलावा, kapil dev अपने करियर के दौरान कई यादगार क्षणों में शामिल रहे, जिसमें 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उनका 9 विकेट लेना और ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ मैच जीतने वाला प्रदर्शन शामिल है।
विरासत: भारतीय क्रिकेट पर kapil dev का प्रभाव आंकड़ों से कहीं आगे जाता है। उन्होंने क्रिकेटरों की एक पीढ़ी को प्रेरित किया और वैश्विक मंच पर भारतीय क्रिकेट की स्थिति को ऊपर उठाने में मदद की। एक कप्तान और खिलाड़ी के रूप में उनके नेतृत्व और योगदान को दुनिया भर के प्रशंसकों और क्रिकेट प्रेमियों द्वारा याद किया जाता है।
सेवानिवृत्ति के बाद: 1994 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, kapil dev क्रिकेट प्रशासन, कोचिंग और कमेंट्री में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने गोल्फ़ सहित अन्य रुचियों को भी अपनाया है।
सम्मान: पद्म भूषण के अलावा, kapil dev को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और प्रशंसाएँ मिली हैं।
kapil dev का करियर न केवल उनकी असाधारण प्रतिभा और कौशल का बल्कि उनके दृढ़ संकल्प, नेतृत्व और क्रिकेट के खेल के प्रति प्रेम का भी प्रमाण है। वह भारतीय और विश्व क्रिकेट के इतिहास में एक सम्मानित व्यक्ति बने हुए हैं।
kapil dev age
27 जून 2024 तक kapil dev की आयु 65 वर्ष है। उनका जन्म 6 जनवरी 1959 को हुआ था।
kapil dev wife
kapil dev की पत्नी का नाम रोमी भाटिया है। उन्होंने 1980 में kapil dev से शादी की थी। रोमी भाटिया एक ऐसे परिवार से आती हैं जिसकी पृष्ठभूमि व्यवसायिक है।
kapil dev age in 1983
1983 में kapil dev 24 साल के थे। उनका जन्म 6 जनवरी 1959 को हुआ था, यानी उस साल उनकी उम्र 24 साल हो गई थी।
kapil dev world record
kapil dev क्रिकेट में कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड और उपलब्धियों के लिए जाने जाते हैं:
1983 क्रिकेट विश्व कप: kapil dev ने 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम को पहली बार क्रिकेट विश्व कप में जीत दिलाई। उनकी कप्तानी में भारत ने लंदन के लॉर्ड्स में फाइनल में वेस्टइंडीज को हराया, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे यादगार पलों में से एक है।
तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर: kapil dev क्रिकेट इतिहास के पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने टेस्ट मैचों में 5,000 रन बनाने और 400 विकेट लेने का ‘डबल’ हासिल किया। उन्होंने अपने असाधारण ऑलराउंड कौशल का प्रदर्शन करते हुए 5,248 रन और 434 विकेट के साथ अपना टेस्ट करियर समाप्त किया।
भारत के लिए सबसे ज़्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज़: अपने रिटायरमेंट के समय, kapil dev ने 434 विकेट के साथ किसी भारतीय गेंदबाज़ द्वारा सबसे ज़्यादा टेस्ट विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया था। यह रिकॉर्ड तब तक कायम रहा जब तक कि 1999 में अनिल कुंबले ने इसे तोड़ नहीं दिया।
400 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज: कपिल देव 400 टेस्ट विकेट की उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज भी थे, जो टेस्ट क्रिकेट में उनकी लंबी अवधि और निरंतरता को दर्शाता है।
एक ही टेस्ट मैच में शतक और पांच विकेट हॉल: कपिल देव ने एक ही टेस्ट मैच में शतक बनाने और पांच विकेट लेने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 1982 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की, जिसमें उन्होंने 110 रन बनाए और दूसरी पारी में 5 विकेट लिए।
क्रिकेट में कई विश्व रिकॉर्ड: कपिल देव के करियर में कई रिकॉर्ड और मील के पत्थर दर्ज किए गए, लेकिन 1983 के विश्व कप के दौरान उनका नेतृत्व और योगदान उनकी सबसे प्रसिद्ध उपलब्धि रही, जिसने भारतीय क्रिकेट को वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण रूप से ऊपर उठाया।
ये रिकार्ड और उपलब्धियां क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान ऑलराउंडरों और कप्तानों में से एक के रूप में कपिल देव की प्रतिष्ठा को रेखांकित करती हैं, विशेष रूप से उनके युग के दौरान भारतीय क्रिकेट के उत्थान और प्रमुखता के संदर्भ में।
kapil dev centuries
कपिल देव ने अपने करियर के दौरान टेस्ट क्रिकेट में कुल 8 शतक लगाए।
यहाँ उनके टेस्ट शतकों की सूची दी गई है:
126 बनाम वेस्टइंडीज – चेन्नई (मद्रास), 1983
115 बनाम पाकिस्तान* – कराची, 1983
100 बनाम इंग्लैंड* – लॉर्ड्स, 1982
109 बनाम पाकिस्तान – फैसलाबाद, 1983
116 बनाम श्रीलंका – कानपुर, 1986
119 बनाम श्रीलंका – नागपुर, 1986
103 बनाम ऑस्ट्रेलिया – मेलबर्न, 1985
129 बनाम श्रीलंका – दिल्ली, 1986
ये शतक कपिल देव की न केवल एक विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज के रूप में बल्कि अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाने में सक्षम बल्लेबाज के रूप में भी उनकी क्षमता को दर्शाते हैं। 1983 क्रिकेट विश्व कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ उनकी 175 रनों की पारी, हालांकि टेस्ट क्रिकेट में नहीं, लेकिन व्यापक रूप से एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक मानी जाती है।
kapil dev highest score
कपिल देव का टेस्ट क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर नाबाद 163 रन था। उन्होंने यह स्कोर 1983 में चेन्नई (तब मद्रास) में आयोजित सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के खिलाफ बनाया था। यह पारी विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि इसने भारत को एक नाजुक स्थिति से उबारने में मदद की और मैच को ड्रॉ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
kapil dev date of birth
कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को हुआ था।
kapil dev stats
क्रिकेट इतिहास में भारत के सबसे महान ऑलराउंडरों में से एक कपिल देव का टेस्ट मैचों और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ओडीआई) दोनों में प्रभावशाली आंकड़ों के साथ एक शानदार करियर था।
यहाँ कुछ मुख्य आँकड़े दिए गए हैं:
टेस्ट मैच:
मैच: 131
पारी: 184
रन: 5,248
बल्लेबाजी औसत: 31.05
शतक: 8
अर्धशतक: 27
उच्चतम स्कोर: 163*
विकेट: 434
गेंदबाजी औसत: 29.64
सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी: 9/83
पाँच विकेट: 23
एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI):
मैच: 225
रन: 3,783
बल्लेबाजी औसत: 23.79
शतक: 1
अर्धशतक: 14
उच्चतम स्कोर: 175*
विकेट: 253
गेंदबाजी औसत: 27.45
सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी: 5/43
पाँच विकेट: 1
उल्लेखनीय उपलब्धियाँ:
1983 क्रिकेट विश्व कप: कपिल देव ने भारत को पहली बार क्रिकेट विश्व कप में जीत दिलाई।
400 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले भारतीय: कपिल देव टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले पहले भारतीय तेज गेंदबाज थे।
टेस्ट में 5,000 रन और 400 विकेट लेने वाले एकमात्र खिलाड़ी: उन्होंने टेस्ट मैचों में 5,000 रन बनाने और 400 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की।
कपिल देव के आँकड़े एक वास्तविक ऑलराउंडर के रूप में उनकी क्षमता को उजागर करते हैं जिन्होंने अपने पूरे करियर में बल्ले और गेंद दोनों से महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके नेतृत्व ने, विशेष रूप से 1983 विश्व कप जीत के दौरान, भारत के सबसे महान क्रिकेटरों में से एक के रूप में उनकी विरासत को मजबूत किया।
kapil dev retirement date
कपिल देव ने 23 अक्टूबर 1994 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उनके संन्यास ने 16 साल के उल्लेखनीय करियर का अंत कर दिया, जिसके दौरान उन्होंने भारतीय क्रिकेट इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।